आज फिर हुआ,
आज फिर हुआ पढ़ा अखबार जो विश्व में बिकता है तथा खबर जो चित्रों सहित छपी बड़ा दुःख हुआ की जिस भगवान् की हम पूजा करते हैं उसकी तस्वीरें जूतों ,चपलों की पर हों तो हमारी बीमार मानसिकता की निशानी हैं। व्योपार या धंधें के लिए भगवान् की तोहीन ठीक नहीं। धन के लालाचिओं को समझना चाहिए की हम से ऊपर भगवान है उस की मर्जी के बिना पत्ता भी हिल नहीं सकता , जो कोई भी उस से ऊपर जाने की कोशिश करता है तो वह जल्दी ही उसकी अपनी तैयारी भी करा देता है। वैसे हर इंसान को अपने आप ही समझना होगा की जिस से अपनी जीने की दुआ व् आशिशें लेता है उसी को पेरों मे घसीटें कहाँ तक जायज है। एस लिए मेरा मानना है की हमें घटिया कामों से बचना चाहिए। ताकि हम उस के परकोप से बच सकें। आशा करता हूँ की जो भी गूगल ब्लोग्स के माद्यम से एन विचारों को पढ़े तो वह अपने अन्य दोस्तों को भी बतये।
द्वारा- भजन सिंह घारू
No comments:
Post a Comment