उजाड़ पेड़ ,
एक उजाड़ पेड़ ! अधड सा पेड़ दिखा ,
उसपर लिपटे दो और पेड़,
तना उस का मजबूत है,
इसीलिए वह गिरा नहीं ,
दोनों पेड़ों ने अपना-अपना स्थान बना लिया,
अपनी आंतों से उलझा लिया,
कोई उपर से कोई नीचे से ,
कोई दायें और कोई बांयें से ,
बस लिपट गई और सिमट गई.
जब नन्ही थी तो फर्क नहीं पड़ा ,
जब बढ़ कर दोनों पेड़ बने,
तो छाती पर मुंग दलने लगे,
सारी ही उर्जा वहीँ तक.
और आगे का हिस्सा सकरा होने लगा.
फिर क्या था !
ऊपर हिस्सा झर-झर झरने लगा ,
अब और उजाड़ भी होने लगा.
ऐसा था वो उजाड़ पेड़..
एक उजाड़ पेड़ ! अधड सा पेड़ दिखा ,
उसपर लिपटे दो और पेड़,
तना उस का मजबूत है,
इसीलिए वह गिरा नहीं ,
दोनों पेड़ों ने अपना-अपना स्थान बना लिया,
अपनी आंतों से उलझा लिया,
कोई उपर से कोई नीचे से ,
कोई दायें और कोई बांयें से ,
बस लिपट गई और सिमट गई.
जब नन्ही थी तो फर्क नहीं पड़ा ,
जब बढ़ कर दोनों पेड़ बने,
तो छाती पर मुंग दलने लगे,
सारी ही उर्जा वहीँ तक.
और आगे का हिस्सा सकरा होने लगा.
फिर क्या था !
ऊपर हिस्सा झर-झर झरने लगा ,
अब और उजाड़ भी होने लगा.
ऐसा था वो उजाड़ पेड़..
द्वारा -भजन सिंह घारू
Very good
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