हमारा फर्ज
मित्रों आएई आज हम हमरे फर्ज के बारे में चर्चा करते हैं। जो आज के समय के लिए जरुरी है। हमारा फर्ज होना चाहिए की किस प्रकार से जनता का अधिक से अधिक भला हो और सामान्य हित को हमें नजर में रखना होगा , अगर आम आदमी की भलाई को ध्यान में रखतें हैं तो हम समाज व् जनता के कल्याणी सिंध होगें । और जनता अपना फर्ज स्वंम ही करती चलेगी तथा कहीं से विन्द्रोह की चिंगारी नहीं उठेगी। जब-जब लोगों की भावनाओं पर कुठाराघात हुआ तब-तब दुनिया में विन्द्रोह हुआ । इसीलिए कहा गया है की" हिटलर की रही ताकत हम किस खेत मुली"
धरती पर पुत्र बहुत हैं परन्तु धरती-पुत्र नहीं है । हम सब ढोंग झूठी शान को ज्यादा अच्छा मानते हैं जो खुद के लिए तथा समाज के लिए अच्छी नहीं है।
अन्तं हमारा लश्य यह होना की हम कितना दिलचस्पी से काम करते हैं। एवं आम आदमी का कितना भाल हुआ है।
आज के लिए इतना ही ! धन्यवाद
द्वारा-भजन सिंह घारू
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Friday, March 25, 2011
Wednesday, March 23, 2011
सचिन को सलाम
सचिन को सलाम।
सचिन जैसे महान बल्लेबाज की तारीफ करना दिए को बाती दिखाने के संमान है। इतनी महान भारत देश का सपूत होना हमारे लिए गर्व की बात है। दूजे लोगों को भी सीख लेनी चाहिए। हर आदमी को इससे सीख लेनी की जरुरत है। अगर समय रहते भी लोग समझ जाय तो बहुत अच्छा होगा। मुझे लगता है की आजकल देश में
ऐसे लोगो की सख्त जरुरत है। मैं दूजों की बात नहीं करता मैं तो अपनी बात करता हूँ , दूजे को सीख देने से पहले अपने गरेबान में झाकना होगा , वैसे भी इमानदार लोगो दूर होते जा रहें है।
एक बार फिर ऐसे महान खिलाडी को मेरा सलाम !
द्वारा-भजन सिंह घारू
सचिन जैसे महान बल्लेबाज की तारीफ करना दिए को बाती दिखाने के संमान है। इतनी महान भारत देश का सपूत होना हमारे लिए गर्व की बात है। दूजे लोगों को भी सीख लेनी चाहिए। हर आदमी को इससे सीख लेनी की जरुरत है। अगर समय रहते भी लोग समझ जाय तो बहुत अच्छा होगा। मुझे लगता है की आजकल देश में
ऐसे लोगो की सख्त जरुरत है। मैं दूजों की बात नहीं करता मैं तो अपनी बात करता हूँ , दूजे को सीख देने से पहले अपने गरेबान में झाकना होगा , वैसे भी इमानदार लोगो दूर होते जा रहें है।
एक बार फिर ऐसे महान खिलाडी को मेरा सलाम !
द्वारा-भजन सिंह घारू
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