Tuesday, October 4, 2011

भारत रत्न,
आज कल भारत रत्न के बारे में काफी चर्चा हो रही है. मैं यहाँ किसी की आलोचना नहीं चाहता परन्तु कुछ भी कहने से पहले उसपर विचार कर लें तो जयादा अच्छा रहेगा. नहीं तो    ऐसा प्रतीत होगा की आप या बव्कुफ़ हैं या आप अपने आप को ज्यादा बुदिमान  समझ रहें हैं. 
कोई भी पुरस्कार देने से पूर्व ही उस की लायाकता को परख लेना आवश्यक है. देश में उस का विकास में क्या योगदान है. कितने लोगों को फायदा हुआ.समाज को कितना लाभ हुआ. समस्त भारत को हित भी हुआ या नहीं. किसी भी विवादास्पद आदमी को किसी हालत में एस तरह के सम्मान नहीं मिलने चाहिए. भारत रत्न  जैसे महत्व-पूरण पुरस्कारों की तो अपनी गरिमा है.

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