९ मार्च २०१०।
आजादी के ६२ सालों के बाद भी महिलाओं को पूरी सुविधाए नहीं मिली। ८ मार्च महिला दिवस के अवसर पर ३३ प्रतिशत का कोटा देकर सम्मान देना जरुरी था .मगर जनता के श्हत्रिया नेताओ ने देश की जनता को शर्मसार किया है .मतदान करने वाली जनता का अपमान किया है। मुझे लगता है पुरष परधान समाज महिलाओं के बराबर आने से घबराता है । यह उसकी घटिया सोच का घोतक है। आज महिला शाश्क्त व् विवेक्ष्हाली है जो समाज की प्रगति को दिखाता है। अतं महिलों की सुविधओं को बढ़ाना अति आवस्यक हो जाता है ।
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