कहानी-१
मैं जो कहानी कहने जा रहा हूँ वह किसी सोभाग्य से मेल खा जाती है तो इसे मात्र इतफाक ही कहा जा सकता है.
एक बैठक चल रही थी तो एक अखड़ किस्म का अफसर आया तो कहने लगा ये जितने भी नेता हैं सब को मैं अच्छी तरह से जनता हूँ. कौन कितने पानी में है यह किसी से छुपा नहीं है. मैं किसी डरता नहीं हूँ. जितने भी उपस्तिथ सज्जन जो सुन रहे थे . वे सब सोच में डूब गए की , सब चक्कर में थे की हो न हो गृहमंत्री साहब का रिश्ते दार होगा बाद में पत्ता चला की उनका पारा मीटिंग में अक्सर चढ़ जाता था . इसी परे की वजह से उन्होंने एक चिठ्ठी लिख डाली की अमुख व्यक्ति को एक जगह से दूसरी जगह पर से किक मरी जाती है (बदली की जाती है.) इसी किक पर उसने मानहानि का केस कर दिया फिर काया था कुछ दिनों बाद वह भगवान को प्यारा हो गया .
सबक- बोलते समय सयंम का उपयोग जरूरी..
द्वारा-भजन सिंह घारू
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