Saturday, September 4, 2010

नमस्कार,
कल दिनांक ५ सितम्बर को टीचर दे के रूप मै मनाया जाता है। मै उन टीचेरो को धन्यवाद् देता हूँ जो इस सेवा मै समर्पित हैं । और अपना कार्य ईमानदारी के साथ करते हैं। दूजो को ज्ञान देना इक पुन कर्म माना जाता है। बार-बार इस कार्य से जुरे लोगो पर आलोचना की मार परती है। पर फिर भी यह पावन कर्म है। मै इन्हें सलाम करता हूँ।
द्वारा- भजन सिंह घारू

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