Saturday, April 9, 2011

हवा

हवा , हवा के झोंकों के साथ सभी बह जाते हैं। बुडे बाप के चार बेटे थे । चारों रोज लड़ते थे तो एक दिन उस बुडे बाप ने लकड़ियों का गठा मगवाया और एक-एक लकड़ी करके एक-एक को दी व् कहा की इसे तोड़ो सब ने अपनी-अपनी लकड़ी तोड़ दी अब बुडे ने ८-१० लकड़ियों को एक-एक करके इकठा किया तथा कहा बरी-बरी से इसे तोड़ों पर कोई भी उसे नहीं तोड़ सका फिर बुडे बाप ने सब को एक साथ तोड़ने को कहा तो उसे तोड़ दिया। एकता मे बल है यह सही है। परन्तु अगर कोई अकेला ही किसी अवार्ड को प्राप्त करता है तो उसे नकारना नहीं चाहिए । सारे एक बात के पीछे ही दोड़ते हैं। द्वारा-भजन सिंह घारू

Tuesday, April 5, 2011


यह मैं हूँ ।

कोई खास बात नहीं है मुझ मे । मैं बहुत ही सीधा-साधा बन्दा हूँ। बिलकुल सही बात

करता हूँ तथा लोग मेरा कभी-कभी नाजयज फायदा उठा लेते हैं।

बस यही मेरी थोड़ी सी कमजोरी है।

बस आगे क्या कहूँ ।

द्वारा- भजन सिंह घारू

फायदा ,

फायदा, फायदा या लाभ दोनों सब्द एक ही हैं। बड़ी विचित्र सोच या यूँ कह जाय की , फायदा जिसको मिलना चाहिय उसे नहीं मिलता और जिसे जरुरी नहीं उसे यह मिल जाता है। तो परिणाम यह होता है की अभावग्रस्त लोगों की सख्या बढ जाती है। तथा साथ ही देश की माली हालत और माली हो जाती है। पूंजी व् धन से आप एश-आराम कर सकते हैं अपनी सोच नहीं बदल सकते , इन्हीं लोगों को फायदा अधिक मिलता है तो यह वर्ग अधिक शक्त हो जाता है। जब इस वर्ग का कहीं अहित होता है तो यह बड़क जाता हैं। व् दूजे लोगों को इस्तेमाल करता हैं। इसलिए समता,बराबरी ,समानता व् हित आदि का अर्थ समजना होगा और समाज का भला ऐसी में है की सामान्य हित को लेकर आगे बढे ताकि समाज ऊपर उठे। द्वारा-भजन सिंह घारू

Monday, April 4, 2011

विशव कप

विश्व कप, भारत ने २०११ का विश्व कप जीता और पूरी दुनिया में अपना नाम ऊँचा किया । पूरा देश एस टीम पर फकर करता है। मैं अपने इस ब्लॉग के माद्यम से देश के तमाम नागरिकों को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इतना जोश और अँधा विश्वास व् जूनून कभी नहीं देखा । न ही पूरी के किसी कोने में ऐसा कहीं हुआ है। सचिन, धोनी , गंबीर, विराट आदि ने मिलकर जो कमाल किया । वह तारिफेकाबिल है। ऐसी ही मिसालें देश के हर कोने से मिलनी चाहिय । तभी देश विश्व शक्ति बन सकेगा। एक बार फिर सारी टीम को बहुत -बहुत बधाई। द्वारा-भजन सिंह घारू