Saturday, March 5, 2011

फोटो मेरे





भजन सिंह घारू, डॉ०दिनेश कुमार , श्री अमित , श्री जय प्रकाश शर्मा ।










जस्रोता माता मंदिर दर्शन,

Wednesday, March 2, 2011

जन्म दिन मुबारक


जन्म दिन की ढेरों शुभ-कामनाएं ,

शरदे शुशील बाकलीवाला जी आपको सठियाने को पार करने की बहुत-बहुत बधाई तथा आपके शतक पूरा करने की मै भगवान से प्रार्थना करूगां व् उम्मीद करता हूँ की आप इसी तरह से नेट के माद्यम से हिंदी का महत्व बढ़ाते रहगें।

एक बार फिर जन्म दिन मुबारक

Tuesday, March 1, 2011

महाशिव रात्रि

महाशिव रात्रि ,

हमारे यहाँ देवी-देवताओं की पूजा अर्चना प्राचीन समय से चली आ रही है। जिसमे महाशिवरात्रि का अपना महत्व है । हिन्दू धर्म भगवान शिवजी अपना अलग स्थान है। इस दिनलोग व्रत रखते हैं तथा शिव मदिर मै जा कर पूजा अर्चना करते है। अवं भगवान से अपनी तथा अपने परिवार की खुश-हाली की मन्नत मांगते है।

महिलायं भी इस दिन पर व्रत रख कर अपने तथा अपने परिवार की सुखद कामना करती है। और भोले बाबा सबकी झोली भरते है। मै अपनी और से गूगल नेट के द्वारा भोले बाबा से समस्त जगत की खुश-हाली कामना करता हूँ। कल २ मार्च २०११ को महाशिव रात्रि की सबको बहुत-बहुत बधाई।

द्वारा - भजन सिंह घारू

Sunday, February 27, 2011

बधाई

सचिन को बधाई ,
विशव कप मै सचिन द्वारा बनाये गए १०० रन भारत की जीत मे मील का पत्थर साबित होगें । मै अपनी और से सचिन को ४७वि शतक लगाने पर बहुत बहुत बधाई देता हूँ। तथा उम्मीद करता हूँ की आज देश हमारा जीतेगा।
भारत की जय !

कविता

साकी
आय थे तुम से मिलने साकी,
राह तकते रहे, आखें नम हो गई।.
हर सुबह तेरे नाम से शुरू होती है।
हो जाय to समझू तू मेरे साथ होती है।
शाम ढल गई है रात है बाकि।
आये थे तुम से मिलने साकी।।
तेरे चेहरे मे मुझे तकदीर नझर आती है।
हर हसीन लम्हे मे तासीर नझर आती है।
नझर रखना सदा, हो न जाय आकी।
आये थे तुम से मिलने साकी ।।
राह तकते रहे, आखेँ नाम हो गई।।

क्रिकेट मैच

आज विश्व कप मै भारत और इंग्लैंड का दूसरा मैच है। मै अपने ब्लॉग के माद्यम से भारत की क्रिकेट टीम को बहुत-बहुत शुभ कामनाएँ देता हूँ तथा उम्मीद करता हूँ की देश की टीम अधिक अंतर से जीते। सभी खिलाडी अपने बाल व् बल्ले को तह्सली से खेले तथा अपना धयान टार्गेट पर रखे । धोनी , सहवाग,सचिन, गभीर ,कोहली ,भाजी , पठान , जहीर, के हौसलों की मे दाद देता हूँ।
द्वारा- भजन सिंह घारू

भर्ष्टाचार

भर्ष्टाचार पुरे विशव को जंग की तरह खाए जा रहा है। इससे निपटने के लिए व्यक्ती का जागरूक होना जरूरी है । ताली हमेशा दोनों हाथों से ही बजती है। अगर देने वाला नहीं होगा तो लेने वाला कहाँ से लेगा । इसके विपरीत लोग अधिक मतलबी हो गए है। थोड़ा त्याग तो करना ही पड़ेगा। तभी कहीं नाक मे नकेल लग पायगी । यह सोच लिया जाय की सरकार ही सब कुछ करे । मेरा ख्याल है यह सरकार के साथ जादती होगी। खाली मन मे पुलाव बनाने से कुछ नहीं हो सकता । थोड़ी सर-दर्दी तो उठानी ही चाहिए तभी हम सब का हित हो सकता है।
द्वारा-भजन सिंह घारू