Monday, March 14, 2011

सनम

सनम,
चुपके से आना मेरे सनम ,देख न ले तेरे जमाना कदम।
लगता है एसे] मिले हो जेसे, कई मरतबा यहाँ ,
रहे अलग हैं,जिसम जुदाह है, अलग हुए हैं यहाँ।
चुपसे आना मेरे सनम......
तेरे सांसो की हर खुशबु मे महक मेरी है,
विखरें न कहीं समेटें रहो हर धमक मेरी है।
चुपके से आना मेरे सनम ,देख न ले जमाना कदम॥
द्वारा- भजन सिंह घारू

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