Saturday, September 24, 2011

यह धरती कितनी सुन्दर है.



यह धरती पेट पालती है.


यह सबका जीवन सवांरती है.


यह धरती कितनी सुन्दर है..


यह सात समुद्रों को जोड़े है.


यह सात महादिपों को जोड़े है.


यह विभिन्नताओं से लदी हुई,


यह सब ग्रहों का दम तोड़े है.


यह धरती कितनी सुन्दर है..


कहीं जल की नदियाँ बहती हैं,


कहीं झरनों की कल-कल होती है,


कहीं रंग-बिरंगे पक्षी विचरण करतें है,


कहीं धरती श्वेत-चादर ओढ़े सोती है,


यह धरती कितनी सुन्दर है..


कहीं पेट में खनिजों को पाले है,


कहीं पेट से आग उगाले है,


कहीं छेड़े तो यह झटके है,


कहीं स्वर्ण से भरे मटके हैं,


यह धरती कितनी सुन्दर है..


यह धरती कितनी सुन्दर है..


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