Tuesday, August 13, 2013

कंपनी बिल 2012

नई दिल्ली।
 राज्यसभा में पास होने के बाद नया कंपनी बिल 1956 में बने पुराने कानून की जगह लेगा। कॉरपोरेट मामलों के मंत्री सचिन पायलट के मुताबिक नए कंपनी बिल के कानून बनने से कंपनियों के कामकाज में पारदर्शिता आएगी।
गौरतलब है कि नया कंपनी बिल 2012 में लोकसभा में पास हो चुका है। नए कंपनी बिल से कॉरपोरेट सेक्टर की जवाबदेही बढ़ेगी। शेयर होल्डर कोर्ट में क्लास एक्शन मुकदमा दायर कर पाएंगे। कॉरपोरेट धोखाधड़ी रोकने के लिए एसएफआईओ को अधिकार दिए गए हैं। नए कंपनी बिल में कॉरपोरेट गवर्नेंस बेहतर करने पर जोर दिया गया है।
द्वारा -:भजन सिंह घारू 

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