Sunday, February 27, 2011

कविता

साकी
आय थे तुम से मिलने साकी,
राह तकते रहे, आखें नम हो गई।.
हर सुबह तेरे नाम से शुरू होती है।
हो जाय to समझू तू मेरे साथ होती है।
शाम ढल गई है रात है बाकि।
आये थे तुम से मिलने साकी।।
तेरे चेहरे मे मुझे तकदीर नझर आती है।
हर हसीन लम्हे मे तासीर नझर आती है।
नझर रखना सदा, हो न जाय आकी।
आये थे तुम से मिलने साकी ।।
राह तकते रहे, आखेँ नाम हो गई।।

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