Sunday, May 8, 2011

तीन मंत्रियों की दरकार

तीन मंत्रियों की दरकार,
कहिये जनाब , आपकी है सरकार।
मेरे तीन मंत्री हैं ! है दरकार, है दरकार॥
मार्ग बदला ,सिंदांत छोड़ा, साथ पकड़ा है तुम्हारा।
तुम चाल चलो, हर बार लात खाय , यहीं किस्मत है हमारा॥
तुम्हारी सत्ता ही बदल देगें, हर बंद है कामकाज।
मेरे तीन मंत्री हैं, है दरकार, है दरकार॥
मेरे शेत्र में विचरण करना हो, इनका साथ जरुरी है।
दशिन की गंगा में दुबकी, तो खैरात बटाना जरुरी है।
नंबर एक बन्दा हो तेरा, तो शर्म न करो सरकार॥
मेरे तीन मंत्री है, है दरकार, है दरकार॥
सव-रचित -भजन सिंह घारू

No comments:

Post a Comment