Friday, March 25, 2011

हमारा फर्ज

हमारा फर्ज
मित्रों आएई आज हम हमरे फर्ज के बारे में चर्चा करते हैं। जो आज के समय के लिए जरुरी है। हमारा फर्ज होना चाहिए की किस प्रकार से जनता का अधिक से अधिक भला हो और सामान्य हित को हमें नजर में रखना होगा , अगर आम आदमी की भलाई को ध्यान में रखतें हैं तो हम समाज व् जनता के कल्याणी सिंध होगें । और जनता अपना फर्ज स्वंम ही करती चलेगी तथा कहीं से विन्द्रोह की चिंगारी नहीं उठेगी। जब-जब लोगों की भावनाओं पर कुठाराघात हुआ तब-तब दुनिया में विन्द्रोह हुआ । इसीलिए कहा गया है की" हिटलर की रही ताकत हम किस खेत मुली"
धरती पर पुत्र बहुत हैं परन्तु धरती-पुत्र नहीं है । हम सब ढोंग झूठी शान को ज्यादा अच्छा मानते हैं जो खुद के लिए तथा समाज के लिए अच्छी नहीं है।
अन्तं हमारा लश्य यह होना की हम कितना दिलचस्पी से काम करते हैं। एवं आम आदमी का कितना भाल हुआ है।
आज के लिए इतना ही ! धन्यवाद
द्वारा-भजन सिंह घारू

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