Sunday, August 25, 2013

रेप जैसी घिनोना अपराध करने वालों पर अंकुश

माननीय  सादर नमन ,
आप को मैं कुछ सुझाव भेज रहा हूँ उम्मीद करता हूँ कि आप इन्हे अपनी रेप जैसी घिनोना अपराध करने वालों पर अंकुश लगेगा-  
कोड आफ कंडक्ट देश के सारे नागरिकों के बनना चाहिये-
१.१५ साल से अधिक उम्र के सदस्यों को अपना धंधा / काम सरकारी agancy को लिखित में बताना हो? जैसे ही वह अपना काम बदले तुरंत उसकी जानकारी सरकारी कार्यलय में देवें.
वे अपने अपने काम की जानकारी लिखत में देगें तो साथ ही परिवार के मुखिया की भी जिमेधारी रहेगी अगर ऐसा न  करने  की एवज में अपराध उसकी फेमिली का कोई सदस्य कर देता है तो उस परिवार को भी जिमेदार ठहराया जाय.कयोकि कुछ रहिसजादे खाली आवारागर्दी ही करते हैं.
२.मतदान तथा चुनाव में खड़े होने से रोका जाना चाहिए? अपराध की मात्रा के आधार पर उसकी फॅमिली पर भी मतदान में भाग लेने तथा किसी भी  तरह चुनाव में खड़े होने पर अंकुश लगाया जाना जरुरी है.
३.सम्पति खरीदने वंचित किया जाना चाहिए?अपराध की मात्रा के आधार पर उसकी फॅमिली पर भी सम्पति  की खरीद-फरोक्त करने पर  प्रतिबद्ध लगे  तथा  अपराध की मात्रा तथा उसकी गंभीरता  के आधार उसे या पूरी फॅमिली को दिवालिया धोषित कर देना  जरुरी है.उसे (अपराधी को  )पारिवारिक सम्पति से वंचित किया जाना चाहिए?
4.अपराध की मात्रा के आधार पर  उसे (अपराधी को ) मर्त्यु दंड दिया जाना जरुरी है?लेकिन केस को ३ से ६ महीने के अन्दर ही निपटाया जाय. तथा केवल  एक ही मुक्का अपील का रखा जाय. जिस अदालत ने उसको सजा सुने है उससे उपरी अदालत मे ही अपील कर सकेगा
5.कोई भी रेप जैसा अपराध होने पर जाँच करने का जबकि उप-अधिशक का प्रावधान पहले से ही परन्तु वे तो न तो पीड़ित महिला के घर जाते हैं और न ही वे खुद पुछ्ताश करते है ऐसे में यह प्रावधान जरुरी है की वादी अगर लिखित मे अदालत मे आवेदन करे की डी० एस० प़ी० ने खुद द्वारा जाँच नहीं हुई है तो ऐसे मे उप-अधिसक को लापरवाही तथा  अपराध करने वालों का सहायता करने का आरोप लगाकर अदालत सज्ञान ले. अगर सेवा काल के दोरान दो से जायदा मे लिप्त पाया जाता है तो उसे सेवा से हटा देना चाहिए.
6 मेरे ख्याल मे नापुशक करना कुदरत के विपरीत है. बस नियमों की कड़ाई के साथ पालन करने की जरुरत है. धन से वंचित, दिवलिपन , परिवार के विरुद्ध कारवाही, चुनाव जैसे अदिकारों से वंचित करना , सम्पति से बदखल करना काफी है.
६.अपराधमुक्त समाज के गठन में सब का सहयोग जरुरी है. सभी लोग- जिसमे हर आदमी -टीचर , वकील, दूकानदार, पञ्च, सरपंच, विधायक , सासद, ससद कर्मचारी , गर कर्मचारी , ठेकेदार, औरत बेटा-बेटी माँ,बहिन भाई, चाचा मामा  आदि सब का फर्ज है की वे समाज के निर्माण मे अपना योगदान देवे, तथा अपने-अपने बच्चों  को अच्छा सस्कार व् पालन-पोषण सही तरीके से करें.
7.ऐसे घिनोने अपराधों को रोकने के फास्ट कोर्ट का होना अतिअव्सक है. इसमें सेवा-निवर्त हो चुके शिक्क्षा-विद -प्राचार्य (उच्च-माद्यमिक ,डिग्री महा-विद्यालय ,) मजिस्ट्रेट , क्लास एक अधिक्कारी ,अन्य उच्च अधिकारी आदि की सहायता ली जा सकती है.
8.ऐसे अपराधों की पैरवी  करने वकील सरकारी हो तथा गैर सरकारी भी अपनी सेवाए दे वादी अदालत से निवेदन करे की अमुक गैर सरकारी वकील की भी जरुरत है तो अदालत उस वकील को आदेश देवे और वह वकील ठीक से सपोर्ट नहीं करता है तो अदालत उस वकील का प्रमाण पत्र रद्द करे.फैसला देते समय अदालत को वकील की भूमिका पर भी टिपणी करनी चाहिए
धन्यवाद !
भजन सिंह घारू

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